Monday, 23 November 2015

एक बतकही / विजय शंकर सिंह


एक मित्र ने आज एक ज्ञान देते हुये कहा.
" जानते हैं , सर, टमाटर खाने से पथरी होती है . "
मैंने कहा,
" मेडिकल साइंस में अधिक दखल नहीं है मेरी. पर लोग तो कहते हैं कि टमाटर से खून साफ़ होता है और रक्त बढ़ाता है. "
उन्होंने कहा, 
"यह एक शोध के आधार पर आप को मैं यह बता रहा हूँ. मैं वह जर्नल आप के पास भिजवा दूंगा. "
मैंने उन्हें उत्तर दिया,
" मुझे साइंस के जर्नल और लेख बोरिंग लगते हैं. मुझे कौन सी टमाटर की दूकान खोलनी है.जाने दीजिये, मुझे सलाद वैसे भी पसंद नहीं है. घर में सूप वगैरह का भी बहुत चलन नहीं है। सूप उसका मुझे पसंद भी नहीं है. मुझे चिकन सूप पसंद है. आज कल चिकेन दाल से भी सस्ता हो गया है. आप तो शायद खाते नहीं है ? "
थोडा गर्व से उन्होंने कहा,
" मैं तो शुद्ध शाकाहारी हूँ. मांस , मदिरा का सेवन नहीं करता. आप भी अब धीरे धीरे मीट मुर्गा खाना कम कर दीजिये. "
उनका शाकाहारी अहंकार उनकी आँखों में झाँकने लगा था. मुझे भी उर्दू के शेर का एक मतला , ' हाय कमबख्त, तूने पी ही नहीं है ! ' याद आ गयी. मन ही मन उस महान शायर से माफी मांगते हुए इसे ' हाय कमबख्त तू ने खाया ही नहीं है ' से संशोधित कर दिया. वैसे आज कल कट पेस्ट एडिट अन डू का युग है. फिर मैंने कहा ,
" मदिरा तो मैं वैसे भी नहीं लेता, हालांकि मदिरा तो शाकाहार का शुद्धतम रूप है. आसुत है. पर बढ़िया और लज़ीज़ खाने का शौक़ है. और मेडिकली भी कोई परहेज वाली बात नहीं है. इस लिए नॉन वेज भोजन पसंद है. बरात आदि में मैं नॉन वेज ढूंढ कर ही खाने या न खाने का निर्णय करता हूँ. "
फिर भी उन्होंने टमाटर कम खाने की सलाह दुबारा दे डाली.
यही मित्र दो महीने पहले यह सुझाव दे गए थे, कि अरहर की दाल खाने से बादी होती है, और जोड़ों में दर्द भी होने लगता है !!
उनके जाने के बाद मैं देर तक सोचता रहा कि दाल भात तो हम होश संभालते ही खाते आ रहे हैं. पर बादी की शिकायत तो हुयी नहीं. सारे लज़ीज़ व्यंजनों के बावज़ूद आज भी अरहर की दाल, चावल और घी , सब्ज़ी न हो तो अचार ही सही, सबसे पसंदीदा भोजन है.
- vss.

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