Wednesday, 12 June 2013

New Tagore Centre to study science from poet’s perspective | Business Line


रवीन्द्र नाथ टैगोर , भारतीय वांग्मय के अमूल्य रत्न हैं . उन्होंने बांग्ला साहित्य की हर विधा पर लेखनी चलाई है और सब में उनका एक अनोखा स्थान है . बाल साहित्य , उपन्यास , कहानी , ,नाटक ,निबन्ध और कविताओं में जो उनका योगदान है वह अद्भुत है . बंगाल के जन जीवन ,साहित्य ,परम्परा ,संगीत पर उनका महत्वपूर्ण योगदान है . भारत के वह प्रथम विभूति हैं जिनको साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है .वह मूलतः कलाकार थे . पर जब उनका सन्दर्भ विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में होता है तो उत्कंठा होना स्वाभाविक है .
पर विज्ञान पर भी उन्होंने बच्चों के लिए एक पुस्तक लिखी है .''विश्व परिचय ''. यह पुस्तक 1937 में प्रकाशित हुयी थी और इसे उन्होंने महान वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बसु को समर्पित किया था . लेकिन कोल्कता में रविन्द्र दर्शन में वैज्ञानिक तत्व की शोध हेतु भारतीय और विदेशी छात्रों द्वारा एक पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है .
सेंटर फॉर नेचुरल साइंस एंड फिलोसफी , के अंतर्गत इस अध्ययन की योजना बनायी जा रही है .इस अध्ययन का नाम विज्ञानं की व्याख्या टैगोर के दर्शन के अलोक में ' टैगोर इंटरप्रिटेशन ऑफ़ साइंस '' . किसी साहित्यकार के दर्शन से जोड़ कर विज्ञान के अध्ययन का यह पहला उदाहरण है . इसका परिणाम क्या निकलता है , इसे जानने की उत्कंठा रहेगी .
विकास सिन्हा जो इस केंद्र के निदेशक हैं ने कहा है की, टैगोर के प्राकृतिक विज्ञान से सम्बंधित अध्ययन को वह फोकस करेंगे , उनके दर्शन को नहीं .
बिजनेस लाइन में यह खबर पढ़ें ...

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