साइबेरिया सहित रूस के सभी उत्तर ध्रुवीय इलाकों में रमणीय उत्तर ध्रुवीय ज्योति छटा दिखाई देती है, जिसे हिन्दी में सुमेरु ज्योति कहा जाता है। पृथ्वी के वायुमण्डलीय कण जब उच्च परमाणुओं के साथ टकराते हैं तो प्रकृति का यह चमत्कार होता है और ध्रुवीय क्षेत्रों में यह कान्ति छटा दिखाई देने लगती है। चुम्बकीय निम्न अक्षांशों से उच्च अक्षांशों की ओर सुमेरुज्योति की आवृत्ति क्रमश: बढ़ती जाती है और ध्रुवीय क्षेत्रों में सर्वाधिक होती है।
जिस तरह से मौसम की पूर्व भविष्यवाणी करना बेहद कठिन होता है, वैसे ही पहले से यह बताना भी मुश्किल होता है कि ध्रुवीय ज्योति किन दिनों में दिखाई देगी। हालाँकि फिर भी ध्रुवीय छटा के चमकने से एक-दो दिन पहले उसके बारे में बताया जा सकता है। कुछ ऐसे महत्वपूर्ण घटक होते हैं, जिनके आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आकाश में कब सुमेरु ज्योति की यह छटा चमकती दिखाई देगी।
जब सूर्य भूमध्य रेखा के एकदम ऊपर होता है तो उत्तर ध्रुवीय ज्योति बड़ी तेज़ी से चमकती है। यह प्रतिवर्ष 20 मार्च और 23 सितम्बर के आसपास का समय होता है। हालाँकि इन दो दिनों के अलावा भी समय-समय पर ध्रुवीय ज्योति की अद्भुत्त दीप्ति दिखाई देती है। लेकिन मार्च और सितम्बर की इन तिथियों में ध्रुवीय सुमेरु ज्योति सर्वाधिक चमकती है।
फ़रवरी से अप्रैल माह के बीच और अगस्त से अक्तूबर माह के बीच में ध्रुवीय दीप्ति के अक्सर दर्शन किए जा सकते हैं, हालाँकि इन महीनों के अलावा भी दूसरे महीनों में वह अचानक दिखाई देने लगती है।
ध्रुवीय ज्योति के सौन्दर्य का पूरा-पूरा रसास्वादन करने के लिए यह ज़रूरी है कि आसमान साफ़ हो। इसलिए अमावस्या की रात के बाद की रातों में जब चाँद बढ़ना शुरू होता है और आकाश में चन्द्रमा की रोशनी कम से कम होती है, ध्रुवीय ज्योति की पूरी ख़ूबसूरती को पूरी शिद्दत के साथ महसूस किया जा सकता है।
ये सभी तस्वीरें एक समुद्री जीवविज्ञानी अलेक्सान्दर सिम्योनफ़ ने खींची हैं, जो श्वेत सागर में बने एक जैविक स्टेशन में रहते और काम करते हैं।
कोला प्रायद्वीप, उत्तरी स्कैण्डेनेविया के क़रीब है। यह इलाका ध्रुवीय ज्योति पट्टी में पड़ता है। यहाँ पहुँचकर ध्रुवीय ज्योति को सहज ही देखा जा सकता है। रूसी शहर मूर्मन्स्क का आकाश भी पर्यटकों के बीच इस ध्रुवीय ज्योति की वजह से ही काफ़ी लोकप्रिय है।
लेकिन यह बात भी सच है कि रूस में ध्रुवीय ज्योति की ख़ूबसूरत छटा को देखने के लिए सिर्फ़ मूर्मन्स्क ही अकेला इलाका नहीं है।
पूरे पश्चिमी रूस में सिविराद्वीन्स्क ही वह इलाका है, जहाँ चमकदार ध्रुवीय दीप्ति को देखने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में इकट्ठे होते हैं। रूस के अर्ख़ान्गेल्स्क नगर के पास स्थित इस इलाके में पहुँचकर इस प्राकृतिक सौन्दर्य का गहराई से अध्ययन भी किया जा सकता है।
उत्तरी ज्योति को देखने के लिए और नेनेत्स स्वायत्त प्रदेश के लुप्त हो चुके शहर पुस्ताज़ेर्स्क के बारे में दन्तकथाओं और मिथकों की जानकारी पाने के लिए आप नेनेत्स प्रदेश की राजधानी नरयान मार्री भी जा सकते हैं।
रूसी शहर मगदान से नौ मील दूर एक ऐसी जगह है, जहाँ समय-समय पर आकाश का रंग अचानक बड़े नाटकीय रूप से बदल जाता है। पूरे आकाश में जैसे हरी घास से बिछ जाती है और धरती पर फैले सफ़ेद बर्फ के टीलों के बीच आकाश में हरी रोशनी चमकती रहती है।
सलख़ार्द दुनिया का अकेला ऐसा नगर है, जो उत्तरी ध्रुवीय रेखा पर स्थित है। यह शहर भी अपनी सुमेरु ज्योति छटाओं के लिए प्रसिद्ध है।
तीक्सी, ख़तंगा, डीक्सन, दुदीन्का, ल्गार्का, नोवया ज़िमल्या और व्रांगेल द्वीप रूस की वे अन्य जगहें हैं, जहाँ पर अक्सर उत्तर ध्रुवीय ज्योति अपना रमणीय सौन्दर्य बिखेरती है। अगर आप वास्तव में सुमेरु ज्योति का आनन्द उठाना चाहते हैं तो इनमें से किसी भी जगह पर जा सकते हैं।
अनिल जनविजय
( Anil Jamvijay )
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