Thursday, 24 June 2021

असग़र वजाहत की कहानी - सब की ज़मीन

दोनों देशों के बीच एक जमीन है जिसे नो मैंस लैंड कहते हैं। इस जमीन पर कोई नहीं रहता। न तो इस देश के लोग रहते हैं और न उस देश के लोग रहते हैं।

इस देश में रहने वालों की तकलीफें  जब हद से बढ़ गई तब उन्होंने सोचा चलो नो मैंस लैंड में रहा जाए।

धीरे-धीरे इस देश के लोग नो मैंस लैंड में रहने के लिए आने लगे।
उस देश के लोगों ने भी अपने देश में रहने की तुलना में नो मैंस लैंड में  रहने को प्राथमिकता दी है ।

दोनों देशों के लोग नो मैंस लैंड  में रहने के लिए आने लगे। धीरे-धीरे हुआ यह कि दोनों देशों के पूरी आबादी नो मैंस लैंड में आ गई।

और दोनों देशों में केवल देशों की सरकारें रह  गयीं।

© असग़र वजाहत 
#vss

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