Friday, 13 September 2019

इतिहास के प्रहसन - ट्रंप ने पोलैंड पर नाज़ी हमला दिवस की बधाई पोलैंड को दी / विजय शंकर सिंह

पोलैंड ने नाज़ी जर्मनी के अपने ऊपर हुये हमले को याद किया तो, यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसे नाज़ी हमले के दिवस पर बधाई दे दी। ट्रंप यह समझ नहीं पाए कि यह हमला पोलैंड की अस्मिता पर हमला था या उन्होंने नाज़ी हमले को एक उचित हमला समझ कर पोलैंड को बधाई दी है।

1 सितंबर, 1939. डानज़िग नगर से लगे पोलैंड के इलाक़े पर सुबह-सुबह जर्मन जहाज़ श्लेसविग होलश्टाइन ने गोले बरसाए। यह महाविनाश के दूसरे खंड का प्रथम अध्याय बना। भूमििका तो पहले ही बन चुुकी थी। इसी के साथ द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया। इससे पहले जर्मनी में जर्मन मूल के इलाक़ो को हथियाने के  नाम पर हिटलर ऑस्ट्रिया को हड़प चुका था।  म्युनिख़ पैक्ट की शर्तों के साथ पश्चिमी देशों ने चेकोस्लोवाकिया की तरफ से नज़रें फेर लीं थी,  पर पोलैंड की रक्षा की जिम्मेदारी ब्रिटेन और फ्रांस ने एक समझौते के अंतर्गत अपने पास रखी थी। पोलैंड पर हमले के बाद, उसकी रक्षा के लिये ब्रिटेन और फ्रांस को तो इस युद्ध में कूदना ही था। उन्होंने भी युद्ध की घोषणा कर दी। 6 सालों तक द्वितीय विश्वयुद्ध चला, सारे यूरोप में तबाही फैल गई। विभिन्न देशों के 6 करोड़ लोग युद्ध और यातना शिविरों में मारे गए।

आज ट्रम्प ऐसे ही एक ऐतिहासिक घटना जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया था, के अवसर पर बधाई दे रहे हैं। राजनेताओं द्वारा इतिहास को गलत उद्धृत करने या गलत रूप से समझे जाने की यह पहलीं घटना नहीं है। बाद में जर्मनी ने 1970 में 1 सितंबर को हुये वारसा के एक उत्सव में जब इस हमले की त्रासदी को याद किया जा रहा था, तो इस बर्बर हमले के लिये उसके चांसलर ने माफी मांगी थी।

© विजय शंकर सिंह

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