अच्छा है, सर अंगुश्त ए
हिनाई का तसव्वर,
दिल से नज़र आती तो है, एक बूँद लहू की !!
- ग़ालिब.
Achchhaa hai, sar angusht e hinaaii kaa tasawwar,
Dil mein nazar aatee to hai, ek boond lahoo kee !!
- Ghalib.
सर अब्गुश्ते -अँगुलियों का अग्र भाग.
हिना - मेहंदी.
तसव्वर - कल्पना.
ह्रदय रक्त शून्य है. उनमें खून की बूँद नाममात्र की भी नहीं है मेंहदी रचित उँगलियों से जो लाल रंग की है, ह्रदय को रक्त की झलक तो दिखलाई दे जाती है. इस मेहदी के लाल रंग से ही दिल के धड़कने के लिए रक्त की पूर्ती की और इस शेर में कल्पना की गयी है. मेहंदी रचित अंगुलियाँ क्यों अच्छी लगती हैं, इस के बारे में ग़ालिब का यह अनोखी कल्पना है.
दिल से नज़र आती तो है, एक बूँद लहू की !!
- ग़ालिब.
Achchhaa hai, sar angusht e hinaaii kaa tasawwar,
Dil mein nazar aatee to hai, ek boond lahoo kee !!
- Ghalib.
सर अब्गुश्ते -अँगुलियों का अग्र भाग.
हिना - मेहंदी.
तसव्वर - कल्पना.
ह्रदय रक्त शून्य है. उनमें खून की बूँद नाममात्र की भी नहीं है मेंहदी रचित उँगलियों से जो लाल रंग की है, ह्रदय को रक्त की झलक तो दिखलाई दे जाती है. इस मेहदी के लाल रंग से ही दिल के धड़कने के लिए रक्त की पूर्ती की और इस शेर में कल्पना की गयी है. मेहंदी रचित अंगुलियाँ क्यों अच्छी लगती हैं, इस के बारे में ग़ालिब का यह अनोखी कल्पना है.
( विजय शंकर सिंह )
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