अगले वक्तों के हैं ये लोग, इन्हें कुछ न
कहो,
जो मय व नगमा को अन्दोहरुबा कहते हैं !!
- ग़ालिब
Agle waqton ke hain ye log inhe kuchh na kaho,
Jo may wa nagmaa ko ando'harubaa kahte hain !!
- Ghalib.
ग़ालिब को शराब बहुत पसंद थी. इस पर अनेक किस्से भी चर्चित हैं. कहा गया है एक बार उन्हें पेंशन मिली तो सारे पैसों की शराब वे दिल्ली से मेरठ जा कर खरीद लाये. उनकी पत्नी ने कहा कि खाओगे क्या ? सारे पैसों की तो शराब खरीद लाये. इस पर ग़ालिब ने उत्तर दिया, कि खाने का इन्तेजान तो अल्लाह ने कर रखा है, पीने का उसके पास कोई इंतज़ाम नहीं है सो मैंने पीने का इंतज़ाम कर लिया है.
लेकिन इस शेर में, ग़ालिब ने शराब और संगीत दोनों को दुःख दर्द भुला देने वाला के मानने वालों पर तंज़ करते हैं और उन्हें पिछड़ा या बीते हुए युग का मानते हैं. शराब में दुःख दर्द हरने की जो शक्ति लोग ढूंढते है, ग़ालिब उनसे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है वह एक पुराना और पिछड़ा हुआ सोच है.
जो मय व नगमा को अन्दोहरुबा कहते हैं !!
- ग़ालिब
Agle waqton ke hain ye log inhe kuchh na kaho,
Jo may wa nagmaa ko ando'harubaa kahte hain !!
- Ghalib.
ग़ालिब को शराब बहुत पसंद थी. इस पर अनेक किस्से भी चर्चित हैं. कहा गया है एक बार उन्हें पेंशन मिली तो सारे पैसों की शराब वे दिल्ली से मेरठ जा कर खरीद लाये. उनकी पत्नी ने कहा कि खाओगे क्या ? सारे पैसों की तो शराब खरीद लाये. इस पर ग़ालिब ने उत्तर दिया, कि खाने का इन्तेजान तो अल्लाह ने कर रखा है, पीने का उसके पास कोई इंतज़ाम नहीं है सो मैंने पीने का इंतज़ाम कर लिया है.
लेकिन इस शेर में, ग़ालिब ने शराब और संगीत दोनों को दुःख दर्द भुला देने वाला के मानने वालों पर तंज़ करते हैं और उन्हें पिछड़ा या बीते हुए युग का मानते हैं. शराब में दुःख दर्द हरने की जो शक्ति लोग ढूंढते है, ग़ालिब उनसे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है वह एक पुराना और पिछड़ा हुआ सोच है.
-vss.
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