आपने यह पढ़ा कि नदियों के किनारे सभ्यताएँ बसती थी, मगर नदियाँ अपना रास्ता बदलती रहती थी। आज जैसी गंगा नदी है, वैसी हज़ारों वर्ष पूर्व नहीं होगी। आपको पता है रेगिस्तान (डेज़र्ट) कैसे बनते हैं? ख़ास कर रेतीले रेगिस्तान कैसे बनते हैं? इतना रेत आता कहाँ से है?
हर रेगिस्तान की अपनी कहानी है। जब अफ़्रीका के मरुस्थल सहारा और भारत के मरुस्थल थार की खुदाई शुरू हुई, तो दोनों ही स्थान पर किसी पुराने जन-जीवन के सबूत मिले। फलों और जंगलों के निशान। जंगली जानवरों के अवशेष। मछलियों और समुद्री जीवों के अवशेष। मनुष्य के बनाए औजार। उनकी बनाई पत्थर की मूर्तियाँ और चित्रकला।
यह कोई परी-कथा नहीं है कि इन विशाल रेगिस्तानों में कभी फलते-फूलते जंगल और जल से लबा-लब झील हुआ करते थे। मनुष्य यहाँ न सिर्फ़ रहते थे, बल्कि यह उनका प्रिय इलाका था।
मगर जैसे-जैसे इन स्थानों की हरियाली घटती गयी, जल-स्तर घटता गया, नदियाँ सूखती गयी या रास्ता बदलती गयी, लोग भी यहाँ से बोरिया-बिस्तर बाँध कर कहीं और जाने लगे।
मेहरगढ़ की टाउनशिप में जब पानी की किल्लत होने लगी होगी, तो वहाँ से कुछ दूर एक नयी बस्ती तैयार हो रही होगी। एक बेहतर मॉडर्न टाउनशिप। उस जमाने के किसी बिल्डर ने इसे डिज़ाइन किया होगा। आज जैसे विज्ञापन छपते हैं, कुछ ऐसा ही-
“आइए! आइए! शहर के बाहर एक स्मार्ट सिटी बन रही है। वहाँ सभी घरों में बढ़िया टॉयलेट होगा। पानी की सप्लाई होगी। ढकी हुई नालियाँ होगी। पब्लिक स्विमिंग पूल होगा। चमचमाती सड़कें होगी। लेक-व्यू फ्लैट होंगे। कम्युनिटी हॉल होगा। शहर का नाम होगा- हड़प्पा!”
एक दूसरे बिल्डर ने इश्तिहार दिया होगा कि हम एक और शहर बसा रहे हैं, जो हड़प्पा से भी अधिक आधुनिक होगा। वहाँ बढ़िया शॉपिंग सेंटर होंगे। दुनिया भर की चीजें मिलेगी। यहाँ आइए, व्यापार करिए।
मेहरगढ़ के लोग अपनी-अपनी औकात के हिसाब से इन नए शहरों की ओर बढ़ गए होंगे। संभव है कि भारत के अन्य हिस्सों से भी लोग खिंचे चले आ रहे हों। किसी को कंट्रीसाइड हड़प्पा पसंद आया होगा, तो किसी को मेट्रो सिटी मुअन-जोदड़ो, और किसी को समंदर किनारे लोथल और धौलावीर। आज से साढ़े चार हज़ार वर्ष पूर्व दुनिया के सबसे आधुनिक नगर कुछ इस तरह तैयार हो रहे होंगे।
( क्रमशः)
#historyforchildren #groundzero #basics
The bust of bearded man was found at which site?
A. Harappa
B. Mohenjo-Daro
C. Lothal
D. Kalibangan
(Last question was only for discussion)
प्रवीण झा
© Praveen Jha
स्कूली इतिहास (16)
http://vssraghuvanshi.blogspot.com/2021/07/16.html
#vss
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