प्रिंट में छपे प्रशांत श्रीवास्तव की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिर्जापुर मिड डे मील नमक रोटी प्रकरण में नया खुलासा हुआ है। उक्त प्राइमरी स्कूल में खाना पकाने वाली कुक रुकमणी ने बताया है कि उन्होंने स्कूल के हेडमास्टर मुरारी लाल को इस बारे में बताया था कि मिड डे मील के लिए राशन का सामान खत्म हैं, जिस पर हेडमास्टर ने उसे चुप रहने को कहा। इसी कारण बच्चों को नमक रोटी परोसा गया. वहीं इससे एक हफ्ते पहले चावल नमक भी परोसा गया था। रुक्मिनी का साफ़-साफ़ कहना है कि सिर्फ़ एक दिन नमक-रोटी नहीं बल्कि हर दिन राशन, दूध-केला देने टाल-मटोल किया जाता था। एक दिन नमक-चावल बच्चों को दिया गया।
हालांकि हेड मास्टर ने अब इन आरोपों को खारिज कर दिया स्थानीय पत्रकारों से कहा है कि वह तो उस वक्त स्कूल में मौजूद ही नहीं थे वरना ऐसा न होता। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर धारा 120-बी, 186,193 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इन पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, साझा साजिश व फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है।
अब एक तरफ प्रधानाध्यापक यह कह रहे हैं कि वे नहीं थे और अगर होते तो यह घटना नहीं होती। कौन सी घटना नहीं होती, नमक रोटी परोसने वाली या वीडियो शूट करने वाली, यह स्पष्ट है। खंड शिक्षा अधिकारी ने स्वतः यह मुक़दमा लिखाया है या उनसे ऐसा करने के लिये किसी ने कहा था, यह बात स्पष्ट नहीं है। अगर नमक रोटी परोसा गया है और तब यह वीडियो शूट पत्रकार को बुला कर कराया गया है तो यह साज़िश पत्रकार और वीडियो शूट करवाने या नमक रोटी मिड डे मील में दिया जा रहा है, यह सूचना देने वाला दोषी नहीं बल्कि उसे पुरस्कृत किया जाना चाहिये, क्योंकि उसने एक घोटाला उजागर किया है।
पर अगर जानबूझकर केवल वीडियो शूट कराने के लिये नमक रोटी थाली में रख कर वीडियो शूट कराया गया है तो यह साज़िश है। लेकिन अगर ऐसा होता तो खाना पकाने वाली रुक्मिणी यह न कहती कि पहले नमक भात दिया गया था और अब नमक रोटी।
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ उसी समय कार्यवाही का दबाव पड़ा होगा तभी वहां के अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही हुयी। पर बाद में यह बात सामने आयी और फिर पत्रकार पवन जायसवाल को दोषी बता कर मुक़दमा लिखा दिया गया। कलक्टर साहब भी यह बिलकुल नहीं कह रहे हैं कि, मेन्यू में गड़बड़ी थी और नमक रोटी नहीं दिया गया था। उनकी नाराज़गी इस बात पर है कि प्रिंट मीडिया वाले पत्रकार ने वीडियो शूट करके इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का काम क्यों किया।
© विजय शंकर सिंह
No comments:
Post a Comment